राजस्थान के प्रमुख आभूषण ( Rajasthan Ke Pramukh Aabhushan )
राजस्थान के प्रमुख आभूषण ( Rajasthan Ke Pramukh Aabhushan ) – राजस्थान मे सभी स्त्री, पुरुष, बच्चे आभूषण पहनने मे रुचि लेते है। विभिन्न समारोह व पर्वो पर विशेष रूप से आभूषण पहने जाते है। नारियां अपने सिर, मस्तक, नाक, कान, गला, हाथ, भुजा, कमर, पाँव मे आभूषण पहनती है जो इस प्रकार है –
राजस्थान की नारियो के प्रमुख आभूषण ( Rajasthan ki Nariyo ke Pramukh Aabhushan ) | |
(1) सिर के प्रमुख आभूषण – | शीशफूल, रखडी (राखड़ी), बोर, टिकड़ा, मेमन्द, तिलकमनी, मांगफूल, मोड़ियों, |
(2) माथा/ मस्तक के प्रमुख आभूषण- | बोरला, टीका, मांग टीका, दामिनी, सांकली, फीणी, भलको, बिन्दी |
(3) नाक के प्रमुख आभूषण – | बेसरि / बसेरी, नथ, चोप, लोंग, चूनी, लटकन, वारी |
(4) कान के प्रमुख आभूषण- | झुमका, टाॅप्स, कर्णफूल, सुरलिया, भूचारिया, टोटी, पाटी सूलिया, बाली, ओगणिया, मोरफवर, मुरकी |
(5) दांत के प्रमुख आभूषण – | रखन, चूप |
(6) गले के प्रमुख आभूषण – | झालर, कंठी, मटरमाला, ठूस्सी, मोहरण, चम्पाकली, हालरो, हंसली, पंचलड़ी, तिमणिया, तुलसी, पोत, मोहनमाला, चंदनहार, मादलिया, बजंटी, मंडली, हंसहार, हमलो, खुंगाल्ली, बलेवड़ा, हांकर, सरी, कंठमाला |
(7) कलाई /हाथ के प्रमुख आभूषण – | गजरा, गोखरू, चूडियां, चूडा, हथफूल, बगडी, पूचियों, पाटला, कंगन, छल्ला, कड़ा, कंकण, भोकड़ी |
(8) अंगुली के प्रमुख आभूषण – | दामणा, हथपान, छडा, बीदिया, अंगुठी, बींठी, मूंदड़ी, कुडक, नथड़ी/ भंवरकडी |
(9) बाजू के आभूषण – | बाजू, बाजूबंद, भुजबंध, अणत, तकथा, बट्टा, हारपान, आरत, टड्डा |
(10) कमर के प्रमुख आभूषण – | कण्डोर/कंदोरा, तागडी, करथनी, कणकती, सटका |
(11) पैर के प्रमुख आभूषण – | कडा, नवरी, आंवला, पायजेब, पायल, हिरणामैन, लछणे, टणका, नूपुर, बिछुडी, बिछिया, फोलरी, जोधपुरी जोड़, घुंघरू, झांझरिया, रमझोल |
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राजस्थान की नारियो के आभूषण एक नजर मे –
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